जानिए टूथ सेंसटिविटी जुड़ी सारी जानकारी
टूथ सेंसिटिविटी की समस्या से परेशान अधिकतर लोग इसके कारणों को अनदेखा कर रहे हैं, और फिर धीरे-धीरे अपना पसंदीदा खाना दांतो की झनझनाहट के कारण छोड़ देते हैं।
टूथ सेंसिटिविटी की समस्या से परेशान अधिकतर लोग इसके कारणों को अनदेखा कर रहे हैं, और फिर धीरे-धीरे अपना पसंदीदा खाना दांतो की झनझनाहट के कारण छोड़ देते हैं।
मगर जीवन के इस खास पलों को हाथ से जाने क्यों देना जब एक बिना टूथ सेंसिटिविटी वाली जिंदगी की शुरुआत आपके हाथ में है बस एक बार अपनी ओरल केयर आदतों को बदल देखिए।
आज भारत में हर तीन में से एक वयस्क यानी पूरे 34% लोगों को टूथ सेंसिटिविटी की समस्या है। टूथ सेंसटिविटी एक आम समस्या है इसके कई कारण है जिनमें से एक कारण है इनैमल का घिसना। आमतौर पर इनैमल जोर से ब्रश करने या बहुत ज्यादा एसिडिक खाने पीने की चीजों का सेवन करने से घिस सकता है।
आज भारत में हर तीन में से एक वयस्क यानी पूरे 34% लोगों को टूथ सेंसिटिविटी की समस्या है। टूथ सेंसटिविटी एक आम समस्या है इसके कई कारण है जिनमें से एक कारण है इनैमल का घिसना। आमतौर पर इनैमल जोर से ब्रश करने या बहुत ज्यादा एसिडिक खाने पीने की चीजों का सेवन करने से घिस सकता है।
टूथ सेंसटिविटी की शुरुआत तब होती है जब इनेमल के घिसने पर दातों का अंदरूनी नरम हिस्सा एक्सपोज हो जाता है इससे खाने पीने की चीजें जैसे कोल्ड ड्रिंक की आइसक्रीम अंदर की नसों को उत्तेजित कर देती है। दांतों में एक तेज झनझनाहट का एहसास कराती है।
इसके चलते तनाव और घबराहट के कारण टूथ सेंसटिविटी को लेकर बहुत से भ्रम लोगों के मन में बने रहते हैं। कुछ ऐसे ही भरम की सच्चाई आज हम आपको बताएंगे।
1 - दांतों की कैविटी से सेंसटिविटी होती है।
सच्चाई - यह कुछ हद तक सही है मगर हमेशा ऐसा नहीं होता। दातों में कैविटी से कई बार सेंसिटिविटी हो सकती है। मगर बहुत बार टूथ सेंसटिविटी इसके बिना भी आ सकती है क्योंकि दांतों में झनझनाहट का मुख्य कारण है इनेमल का घिसना जिससे उसका अंदरूनी नरम हिस्सा एक्सपोज हो जाता है।
सच्चाई - यह कुछ हद तक सही है मगर हमेशा ऐसा नहीं होता। दातों में कैविटी से कई बार सेंसिटिविटी हो सकती है। मगर बहुत बार टूथ सेंसटिविटी इसके बिना भी आ सकती है क्योंकि दांतों में झनझनाहट का मुख्य कारण है इनेमल का घिसना जिससे उसका अंदरूनी नरम हिस्सा एक्सपोज हो जाता है।
2 - केवल ठंडा या मीठा खाने से टूथ सेंसिटिविटी होती है।
सच्चाई - जब दातों का अंदरूनी नरम हिस्सा किसी भी ठंडे या गर्म मीठे या खट्टे खाने के संपर्क में आता है तो इसके दातों की नसें उत्तेजित हो जाती हैं और एक तेज झनझनाहट का एहसास होता है।
3 - टूथ सेंसटिविटी एक समस्या है या समय के साथ चली जाती है।
सच्चाई - दांतों में झनझनाहट भले ही कुछ समय के लिए होती हो मगर टूथ सेंसिटिविटी अगर अनुपचरित रह जाए तो यह कि रोजमर्रा की जिंदगी में बाधा डाल सकती है। एक बार अगर दांतों की अंदरूनी सफाई यानी इनेमल जाए तो यह दोबारा नहीं आती इसी के कारण टूथ सेंसटिविटी एक स्थाई समस्या बन सकती है।
सच्चाई - जब दातों का अंदरूनी नरम हिस्सा किसी भी ठंडे या गर्म मीठे या खट्टे खाने के संपर्क में आता है तो इसके दातों की नसें उत्तेजित हो जाती हैं और एक तेज झनझनाहट का एहसास होता है।
3 - टूथ सेंसटिविटी एक समस्या है या समय के साथ चली जाती है।
सच्चाई - दांतों में झनझनाहट भले ही कुछ समय के लिए होती हो मगर टूथ सेंसिटिविटी अगर अनुपचरित रह जाए तो यह कि रोजमर्रा की जिंदगी में बाधा डाल सकती है। एक बार अगर दांतों की अंदरूनी सफाई यानी इनेमल जाए तो यह दोबारा नहीं आती इसी के कारण टूथ सेंसटिविटी एक स्थाई समस्या बन सकती है।
4 - खाना खाते ही ब्रश करना एक अच्छी आदत है।
सच्चाई: ब्रश करना एक अच्छी आदत है मगर खाना खाते ही ब्रश करने से फायदा कम और नुकसान अधिक के कुछ खाने या पीने के बाद आपको दातों की ऊपरी सतह कुछ समय के लिए नाजुक हो जाती है और जब आप ब्रश करते हैं तो खाने के एसिड इनेमल तक पहुंचकर नुकसान पहुंचाते हैं और सेंसटिविटी की समस्या को और भी बढ़ा सकते हैं।
सच्चाई: ब्रश करना एक अच्छी आदत है मगर खाना खाते ही ब्रश करने से फायदा कम और नुकसान अधिक के कुछ खाने या पीने के बाद आपको दातों की ऊपरी सतह कुछ समय के लिए नाजुक हो जाती है और जब आप ब्रश करते हैं तो खाने के एसिड इनेमल तक पहुंचकर नुकसान पहुंचाते हैं और सेंसटिविटी की समस्या को और भी बढ़ा सकते हैं।
5: टूथ सेंसिटिविटी का कोई इलाज नहीं
सच्चाई: सेंसिटिविटी दांतो को आराम पहुंचाना आसान है आपकी सेंसिटिविटी की समस्या जैसे भी हो आने के लिए डेंटिस्ट आपको एक खास डीसेंसटाइजिंग टूथपेस्ट या अन्य तरीकों का सुझाव अवश्य देंगे।
सच्चाई: सेंसिटिविटी दांतो को आराम पहुंचाना आसान है आपकी सेंसिटिविटी की समस्या जैसे भी हो आने के लिए डेंटिस्ट आपको एक खास डीसेंसटाइजिंग टूथपेस्ट या अन्य तरीकों का सुझाव अवश्य देंगे।
6: टूथ सेंसिटिविटी समय के साथ नहीं बढ़ती
सच्चाई: लगातार इनेमल के घिसने से उसके अंदरूनी नरम हिस्से का एक्सपोजर भी बढ़ जाता है जिससे दांतों में झनझनाहट बढ़ सकती हाय और यह और भी तकलीफ दिए हो सकती है।
सच्चाई: लगातार इनेमल के घिसने से उसके अंदरूनी नरम हिस्से का एक्सपोजर भी बढ़ जाता है जिससे दांतों में झनझनाहट बढ़ सकती हाय और यह और भी तकलीफ दिए हो सकती है।
7: सेंसिटिविटी से आराम दिलाने वाले टूथपेस्ट का इस्तेमाल या तो कुछ समय के लिए करना चाहिए या इसे रोजाना के टूथपेस्ट के साथ इस्तेमाल करना चाहिए।
सच्चाई: टूथ सेंसिटिविटी से आराम मिलना संभव है याद आप अपने रोजाना के टूथपेस्ट के बजाय एक भी सेंसिटिविटी टूथपेस्ट का इस्तेमाल करेंगे इसका खास फार्मूला आपको सेंसिटिविटी की समस्या से राहत पहुंचाने के लिए ही बना है। ओरल हेल्थ फाउंडेशन के अनुसार हर चार में से एक व्यक्ति ने माना है कि वह दिन में दो बार ब्रश नहीं करते और हर 10 में से एक व्यक्ति मानता है कि कई बार ब्रश करना तक भूल जाते हैं 42% लोग केवल टूथपेस्ट और ब्रश के इस्तेमाल से अपने दांत साफ करते हैं और हर तीन में से एक इंसान ने कभी भी फ्लोर का इस्तेमाल नहीं किया है इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए यहां हर वर्ग के लोगों के लिए आरामदायक टिप्स है ताकि आप सब एक बेहतर ओरल हाइजीन ओर बढ़ा सकें।
सच्चाई: टूथ सेंसिटिविटी से आराम मिलना संभव है याद आप अपने रोजाना के टूथपेस्ट के बजाय एक भी सेंसिटिविटी टूथपेस्ट का इस्तेमाल करेंगे इसका खास फार्मूला आपको सेंसिटिविटी की समस्या से राहत पहुंचाने के लिए ही बना है। ओरल हेल्थ फाउंडेशन के अनुसार हर चार में से एक व्यक्ति ने माना है कि वह दिन में दो बार ब्रश नहीं करते और हर 10 में से एक व्यक्ति मानता है कि कई बार ब्रश करना तक भूल जाते हैं 42% लोग केवल टूथपेस्ट और ब्रश के इस्तेमाल से अपने दांत साफ करते हैं और हर तीन में से एक इंसान ने कभी भी फ्लोर का इस्तेमाल नहीं किया है इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए यहां हर वर्ग के लोगों के लिए आरामदायक टिप्स है ताकि आप सब एक बेहतर ओरल हाइजीन ओर बढ़ा सकें।
- कम से कम 2 मिनट के लिए दिन में दो बार ब्रश अवश्य करें
- ज्यादा तेजी या ज्यादा रगड़ कर ब्रश ना करें
- फ्लोर्स का इस्तेमाल करते रहे
- माउथ वॉश का इस्तेमाल करें
- शुगर फ्री गम खाएं
- अपनी जीभ को साफ करना ना भूलें
- खाने के साथ पानी या दूध जरूर ले
- सब्जी का सेवन करें
- दांतो को आपस में ना रगड़े
- एसिडिक खाने या पीने से बचें
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