कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में बनाएं करियर
मैनेजमेंट में बेहतर करियर की तलाश कर रहे विद्यार्थियों के लिए कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट करियर के लिहाज से एक उभरता हुआ विकल्प है।
वैश्वीकरण और उदारीकरण से भारतीय अर्थव्यवस्था में कई बड़े बदलाव आए हैं। जिनके चलते हर क्षेत्र में तेज गति से विकास हुआ है इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी कई प्रोजेक्ट शुरू हुए हैं। जिसके अंतर्गत कंस्ट्रक्शन मैनेजर की मांग काफी बढ़ी है। यदि आप कस्टमर मैनेजमेंट में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो यह आपके लिए बेहतर विकल्प है। कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट प्रोफेशन है, जिसके अंतर्गत किसी भी कार्य को शुरू से आखिर तक से प्रबंध के साथ-साथ उचित तकनीक का प्रयोग करना होता है। इसका उद्देश्य प्रोजेक्ट को निर्धारित समय के अंदर क्वालिटी और कम लागत के साथ तैयार करना होता है।
कंस्ट्रक्शन मैनेजर का काम
किसी भी प्रोजेक्ट को शुरू से अंत तक प्लान समन्वयन बैठाना और उसे नियंत्रित करने में कंट्रक्शन मैनेजर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह श्रमिकों का संचालन करने के साथ-साथ प्रोजेक्ट डिजाइन, ठेकेदार का चयन, कारीगरों को रखने के साथ-साथ काम का निरीक्षण करना सप्लायर को मॉनिटर करना आज कई प्रकार के काम करता है। इसके साथ ही वह प्रोजेक्ट का बजट और प्रोग्रेस रिपोर्ट भी तैयार करता है।
शैक्षिक योग्यता
इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए अभ्यर्थी को गणित एवं विज्ञान विषयों के साथ 12 वीं पास होना चाहिए। इसके अलावा परास्नातक तक में प्रवेश के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान में इंजीनियरिंग, वास्तुकला या उसके समकक्ष पूर्णकालिक स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा सिविल इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर और संबंधित विषय में स्नातक अभ्यर्थी भी कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट की पढ़ाई कर सकते हैं। इस में पीजी डिप्लोमा एमटेक इन कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट, एमबीए इन कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट का कोर्स है।
व्यक्तिगत विशेषताएं
कंस्ट्रक्शन मैनेजर बनने के लिए आपके अंदर कुछ हटकर सोचने की क्षमता, बेहतर संवाद कौशल, धैर्य, टाइम मैनेजमेंट, ऑपरेशन एनालिसिस, प्रॉब्लम सॉल्विंग, जजमेंट और डिसीजन मेकिंग रिपेरिंग, इक्विपमेंट इलेक्शन आज की क्षमता का होना बेहद आवश्यक है।
रोजगार के अवसर
कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में विशेषज्ञता रखने वाले स्नातक उम्मीदवार प्लानिंग इंजीनियरिंग, डिज़ाइनर ऑफ़ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, कण्ट्रोल और मॉनिटर और कॉर्डिनेशन एक्सक्यूटिव आदि के रूप में काम कर सकते हैं। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा, एमबीए, एमटेक किया है, वह किसी भी कंस्ट्रक्शन कंपनी में आर्किटेक्चर, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, स्थिरता विशेषज्ञों,वित्त विशेषज्ञों के सहयोग से असिस्टेंट मैनेजर, प्लानिंग मैनेजर और प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम कर सकते हैं। कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट पेशेवरों के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के संगठनों में काम के अवसर उपलब्ध है। भारत में कुछ कंस्ट्रक्शन फॉर्म जैसे सीपीडब्ल्यूडी, PWD, दिल्ली मेट्रो, गैमन इंडिया लिमिटेड, भारतीय रेलवे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में संभावित नियोक्ता दुनियाभर में अपनी बेहतरीन संरचनाओं के निर्माण के लिए मशहूर है।
मैनेजमेंट में बेहतर करियर की तलाश कर रहे विद्यार्थियों के लिए कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट करियर के लिहाज से एक उभरता हुआ विकल्प है।
वैश्वीकरण और उदारीकरण से भारतीय अर्थव्यवस्था में कई बड़े बदलाव आए हैं। जिनके चलते हर क्षेत्र में तेज गति से विकास हुआ है इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी कई प्रोजेक्ट शुरू हुए हैं। जिसके अंतर्गत कंस्ट्रक्शन मैनेजर की मांग काफी बढ़ी है। यदि आप कस्टमर मैनेजमेंट में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो यह आपके लिए बेहतर विकल्प है। कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट प्रोफेशन है, जिसके अंतर्गत किसी भी कार्य को शुरू से आखिर तक से प्रबंध के साथ-साथ उचित तकनीक का प्रयोग करना होता है। इसका उद्देश्य प्रोजेक्ट को निर्धारित समय के अंदर क्वालिटी और कम लागत के साथ तैयार करना होता है।
कंस्ट्रक्शन मैनेजर का काम
किसी भी प्रोजेक्ट को शुरू से अंत तक प्लान समन्वयन बैठाना और उसे नियंत्रित करने में कंट्रक्शन मैनेजर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह श्रमिकों का संचालन करने के साथ-साथ प्रोजेक्ट डिजाइन, ठेकेदार का चयन, कारीगरों को रखने के साथ-साथ काम का निरीक्षण करना सप्लायर को मॉनिटर करना आज कई प्रकार के काम करता है। इसके साथ ही वह प्रोजेक्ट का बजट और प्रोग्रेस रिपोर्ट भी तैयार करता है।
शैक्षिक योग्यता
इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए अभ्यर्थी को गणित एवं विज्ञान विषयों के साथ 12 वीं पास होना चाहिए। इसके अलावा परास्नातक तक में प्रवेश के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान में इंजीनियरिंग, वास्तुकला या उसके समकक्ष पूर्णकालिक स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा सिविल इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर और संबंधित विषय में स्नातक अभ्यर्थी भी कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट की पढ़ाई कर सकते हैं। इस में पीजी डिप्लोमा एमटेक इन कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट, एमबीए इन कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट का कोर्स है।
व्यक्तिगत विशेषताएं
कंस्ट्रक्शन मैनेजर बनने के लिए आपके अंदर कुछ हटकर सोचने की क्षमता, बेहतर संवाद कौशल, धैर्य, टाइम मैनेजमेंट, ऑपरेशन एनालिसिस, प्रॉब्लम सॉल्विंग, जजमेंट और डिसीजन मेकिंग रिपेरिंग, इक्विपमेंट इलेक्शन आज की क्षमता का होना बेहद आवश्यक है।
रोजगार के अवसर
कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में विशेषज्ञता रखने वाले स्नातक उम्मीदवार प्लानिंग इंजीनियरिंग, डिज़ाइनर ऑफ़ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, कण्ट्रोल और मॉनिटर और कॉर्डिनेशन एक्सक्यूटिव आदि के रूप में काम कर सकते हैं। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा, एमबीए, एमटेक किया है, वह किसी भी कंस्ट्रक्शन कंपनी में आर्किटेक्चर, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, स्थिरता विशेषज्ञों,वित्त विशेषज्ञों के सहयोग से असिस्टेंट मैनेजर, प्लानिंग मैनेजर और प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम कर सकते हैं। कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट पेशेवरों के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के संगठनों में काम के अवसर उपलब्ध है। भारत में कुछ कंस्ट्रक्शन फॉर्म जैसे सीपीडब्ल्यूडी, PWD, दिल्ली मेट्रो, गैमन इंडिया लिमिटेड, भारतीय रेलवे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में संभावित नियोक्ता दुनियाभर में अपनी बेहतरीन संरचनाओं के निर्माण के लिए मशहूर है।
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