हेलो दोस्तों मैं अंकित सोनी आप लोग का मैं HindiNewsPro में स्वागत करता हूँ। आज हम लोग बात करने वाले है कि बार - बार गर्मियों के मौसम में नहाने से फायदे और नुकसान क्या क्या होते है तो आप लोग इस पोस्ट को अंत तक पढ़ते रहे।
बार-बार ना नहाए पढ़ने और सुनने में भले ही यह आपको अटपटी बात लगे, लेकिन यह हकीकत है अमेरिकी वैज्ञानिकों का कहना है कि बहुत से लोगों को गर्मी के मौसम में दिन में कई बार शावर लेना अच्छा लगता है। लेकिन बार-बार शावर लेना आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग कई बार शावर लेते हैं उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। वैज्ञानिकों का कहना यह तो लगभग हम सभी को पता ही होता है कि हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस मौजूद रहते हैं इनमें कुछ बैक्टीरिया और वायरस हमारे शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। बार-बार शावर लेने से शरीर के लिए लाभदायक बैक्टीरिया और वायरस का इको सिस्टम बिगड़ जाता है इको सिस्टम बिगड़ने की वजह से यह ना केवल हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं बल्कि यह पाचन तंत्र को भी कमजोर करने लगते हैं। यही नहीं है हमारे हृदय का भी असर डालते हैं। इसलिए अगर कभी आपका कोई परिचित स्नान करने से मना करता है तो उसे घूर कर ना देखें। यह उसकी सेहत के लिए फायदेमंद समझोता है।
मैं उम्मीद करता हूँ की यह पोस्ट आपको अच्छी लगी हो, और हां अगर आपके कोई दोस्त या रिश्तेदार या आपके परिवार में बार बार शावर लेता है तो आप उसे मना कर सकते है और उसे एक अच्छी reason के साथ so मैं चाहुँगा की आप लोग इस पोस्ट को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, और परिवारों के साथ शेयर करे जिससे वो भी किसी बीमारी का शिकार न हो।
और अगर आप ऐसी ही updated न्यूज़ चाहते है तो आप हमारे वेबसाइट को फॉलो कर सकते है या आप हमसे social media पर भी जुड़ सकते है जिससे आपको हमेशा updated न्यूज़ मिलती रहेंगी।
डर के आगे जीत है डर सबको लगता है हलाकि सबके डरने की वजह अलग हो सकती है। लेकिन हमेशा करने की आदत व्यक्ति को कमजोर बना देती है। आइए जाने डर क्यों लगता है और इससे कैसे उभरा जाए.
डर की भावना हमारी सुरक्षा की जरूरत से जुड़ी है। सुरक्षा का यह भाव जन्मजात रूप से सभी के भीतर मौजूद होता है इसके अलावा भावात्मक विकास के साथ लोगों बच्चों को उन चीजों से डरना सिखाते हैं। जो उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे संतुलित विकास के लिए सीमित मात्रा में दर्द का होना भी जरूरी है। समस्या तब शुरू होती है जब व्यक्ति को बेवजह ज्यादा डर लगे और इससे रोजमर्रा की गतिबिधियो प्रभावित होने लगे।
क्यों होता है ऐसा
लोगों के पास डरने के लिए अनेक वजह हो सकती है फिर भी आम तौर पर हमें शारीरिक नुकसान का डर, अपनों से बिछड़ने का डर और छोटी-छोटी बातों में नाकामी का डर परेशान करता है। किसी भी इंसान के व्यक्तित्व का बुनियाद बचपन में ही पड़ जाती है। माता पिता का अतिसरंक्षण या सख्त व्यवहार डर का बहुत बड़ा कारण है। किसी बुरी दुर्घटना से जुड़ा अनुभव की आदत और हीन भावना भी इस प्रवृत्ति के लिए जिम्मेदार है।
क्या है नुकसान
जब लोगों के मन में यह भावना अस्थाई रूप से घर कर जाती है तो इसे गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्या पैदा हो सकती है। ऐसी अवस्था में व्यक्ति का डर कोई तार्किक आधार नहीं होता। वह चाहकर भी अपने डर को नियंत्रित नहीं कर पाता। डर से व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर पड़ जाता है और कोई भी निर्णय नहीं ले पाता। डर की वजह से लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जितनी जल्दी हो सके इससे उभरने की कोशिश करनी चाहिए।
ऐसे करें बचाव
डर के बारे में तार्किक ढंग से सोचें कि आखिर हमें डर क्यों लगता है और उसे कैसे दूर किया जा सकता है।
डर से भागने की बजाय उसका सामना करने की कोशिश करें।
निडर लोगों से दोस्ती बढ़ाये।
ब्रीथिंग एक्सरसाइज, योगा अभ्यास और ध्यान से डर दूर करने में मदद मिलती है।
खुद से जुड़ी कुछ अच्छी बातें याद करें इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और डर को दूर करना आसान हो जाएगा। किताबें पढ़े और अच्छी फिल्में देखें।
प्रार्थना से मन में सकारात्मक विचार आते हैं इसलिए नियमित रूप से प्रार्थना करें।
बार-बार ना नहाए पढ़ने और सुनने में भले ही यह आपको अटपटी बात लगे, लेकिन यह हकीकत है अमेरिकी वैज्ञानिकों का कहना है कि बहुत से लोगों को गर्मी के मौसम में दिन में कई बार शावर लेना अच्छा लगता है। लेकिन बार-बार शावर लेना आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग कई बार शावर लेते हैं उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। वैज्ञानिकों का कहना यह तो लगभग हम सभी को पता ही होता है कि हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस मौजूद रहते हैं इनमें कुछ बैक्टीरिया और वायरस हमारे शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। बार-बार शावर लेने से शरीर के लिए लाभदायक बैक्टीरिया और वायरस का इको सिस्टम बिगड़ जाता है इको सिस्टम बिगड़ने की वजह से यह ना केवल हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं बल्कि यह पाचन तंत्र को भी कमजोर करने लगते हैं। यही नहीं है हमारे हृदय का भी असर डालते हैं। इसलिए अगर कभी आपका कोई परिचित स्नान करने से मना करता है तो उसे घूर कर ना देखें। यह उसकी सेहत के लिए फायदेमंद समझोता है।
मैं उम्मीद करता हूँ की यह पोस्ट आपको अच्छी लगी हो, और हां अगर आपके कोई दोस्त या रिश्तेदार या आपके परिवार में बार बार शावर लेता है तो आप उसे मना कर सकते है और उसे एक अच्छी reason के साथ so मैं चाहुँगा की आप लोग इस पोस्ट को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, और परिवारों के साथ शेयर करे जिससे वो भी किसी बीमारी का शिकार न हो।
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डर के आगे जीत है डर सबको लगता है हलाकि सबके डरने की वजह अलग हो सकती है। लेकिन हमेशा करने की आदत व्यक्ति को कमजोर बना देती है। आइए जाने डर क्यों लगता है और इससे कैसे उभरा जाए.
डर की भावना हमारी सुरक्षा की जरूरत से जुड़ी है। सुरक्षा का यह भाव जन्मजात रूप से सभी के भीतर मौजूद होता है इसके अलावा भावात्मक विकास के साथ लोगों बच्चों को उन चीजों से डरना सिखाते हैं। जो उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे संतुलित विकास के लिए सीमित मात्रा में दर्द का होना भी जरूरी है। समस्या तब शुरू होती है जब व्यक्ति को बेवजह ज्यादा डर लगे और इससे रोजमर्रा की गतिबिधियो प्रभावित होने लगे।
क्यों होता है ऐसा
लोगों के पास डरने के लिए अनेक वजह हो सकती है फिर भी आम तौर पर हमें शारीरिक नुकसान का डर, अपनों से बिछड़ने का डर और छोटी-छोटी बातों में नाकामी का डर परेशान करता है। किसी भी इंसान के व्यक्तित्व का बुनियाद बचपन में ही पड़ जाती है। माता पिता का अतिसरंक्षण या सख्त व्यवहार डर का बहुत बड़ा कारण है। किसी बुरी दुर्घटना से जुड़ा अनुभव की आदत और हीन भावना भी इस प्रवृत्ति के लिए जिम्मेदार है।
क्या है नुकसान
जब लोगों के मन में यह भावना अस्थाई रूप से घर कर जाती है तो इसे गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्या पैदा हो सकती है। ऐसी अवस्था में व्यक्ति का डर कोई तार्किक आधार नहीं होता। वह चाहकर भी अपने डर को नियंत्रित नहीं कर पाता। डर से व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर पड़ जाता है और कोई भी निर्णय नहीं ले पाता। डर की वजह से लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जितनी जल्दी हो सके इससे उभरने की कोशिश करनी चाहिए।
ऐसे करें बचाव
डर के बारे में तार्किक ढंग से सोचें कि आखिर हमें डर क्यों लगता है और उसे कैसे दूर किया जा सकता है।
डर से भागने की बजाय उसका सामना करने की कोशिश करें।
निडर लोगों से दोस्ती बढ़ाये।
ब्रीथिंग एक्सरसाइज, योगा अभ्यास और ध्यान से डर दूर करने में मदद मिलती है।
खुद से जुड़ी कुछ अच्छी बातें याद करें इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और डर को दूर करना आसान हो जाएगा। किताबें पढ़े और अच्छी फिल्में देखें।
प्रार्थना से मन में सकारात्मक विचार आते हैं इसलिए नियमित रूप से प्रार्थना करें।
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