क्या आप भी सुबह देर से उठते है आपको आपको हमेशा नेगेटिव ( नकारात्मक ) विचार आते है ...
चंद्रभेदी प्राणायाम और पद्दासन करने के सही तरीके
क्या आप भी सुबह देर से उठते है तो ये आपके सेहत के लिए बहुत ज्यादा ही नुकसान देह है अगर आप अपने सेहत पर ध्यान नहीं देते है तो आपको आगे चल कर बहुत से तकलीफो का सामना करना पड़ सकता है। मैं आपको इस पोस्ट में 2 आसान ( चंद्रभेदी प्राणायाम और पद्दासन ) बताया है जिसकी मदद से आप अपने दिन में सुबह कुछ मिनटों को निकाल कर यह आसन कर लेते है तो आपको इससे बहुत लाभ मिलेगा। आपकी दिन अच्छा होगा आप पुरे दिन भर खुश रहेंगे और आपके मन में कभी भी नकारात्मक विचार नहीं आएगा।
अच्छे विचारों के लिए
पद्दासन से हमारे दोनों नासिकाएं चलने लगती हैं और शरीर की सभी नस नाड़ियों की शुद्धि होती है। बुरे विचार विदा होने लगते हैं। उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख कर बैठे। रीढ़ सीधी करते हुए बाएं पैर के पंजों को दाहिनी जगह पर और दाहिने पैर के पंजे को बाएं पैर के जगह पर रखें। घुटने जमीन से लगे रहे। अब बाए हाथ कि दोनों पैरों के तलवे से थोड़ा ऊपर इस प्रकार रखें कि दाहिनी हथेली बाई हथेली के ऊपर रहे और दोनों हथेलियां नाभि को स्पर्श करती हुई हो। इस स्थिति में धीमी लंबी गहरी श्वास के साथ भाव करें कि आपके सभी चक्र जागृत हो। शुरुआत में इन हाथों को नाभि के पास रखने में असुविधा महसूस हो तो हथेलियों की दिशा ऊपर करते हुए उन्हें घुटनों पर भी रख सकते हैं।
महसूस होती है शीतलता
चंद्रभेदी प्राणायाम से इड़ा नाड़ी सक्रिय होने के कारण शरीर में शीतलता महसूस होती है। तनाव और अनिद्रा की समस्या कम होती है। आंखें बंद कर रखते हुए अंगूठे से दाएं नसका बंद कर ले। रीढ़ सीधी हो। अब बायीं नासिका से पहले सांस निकालें और फिर दायी नासिका से ही धीमी लंबी गहरी सांस लें फिर दायी नासिका से सांस छोड़े। 10 से 20 राउंड तक करें। हर राउंड में केवल बायीं नासिका से ही सांस लेनी है और दाएं से ही सांस छोड़नी है। सांस छोड़ते समय नासिका से आवाज ना निकले। खाली पेट ही करें। इसका अभ्यास शीतकाल में वर्जित है। जिस दिन चंद्रभेदी प्राणायाम का अभ्यास कर रहे हो उस दिन सूर्यभेदी प्राणायाम का अभ्यास ना करें।
क्या आप भी दिल ( Heart ) के रोगी है या आपको ज्यादा काम करने पर स्वास फूलने लगता है.
कहता है दिल, कुछ तेज चलो
अगर आप दिल के मरीज हैं, तो तेज कदमों से टहलें। शोध से पता चलता है कि ह्रदय रोगी अगर तेज कदमों से टहलते हैं कि उनके अस्पताल में भर्ती होने की आशंका कम हो जाती है।
दिल के मरीजों के लिए यह एक अच्छी खबर है। यह अध्धयन में यह बात सामने आई है कि दिल के मरीज अगर नियमित रूप से तेज कदमों से चलते हैं टहलते हैं तो यह उनके लिए काफी फायदेमंद होता है। यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस यूरोपेटेंट 2018 में पेश की गई एक शोध पत्र के मुताबिक तेज कदमों से चलने वाले दिल के मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की आशंका कम हो जाती है। इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ़ फरेरा की शोधार्थी व अध्ययन की लेखिका कार्लोटा मेरलो के अनुसार, दिल के मरीजों के तेज चलने या टहलने से उनके अस्पताल में भर्ती होने और वहां लंबे समय तक रहने की स्थिति का जोखिम कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि 1078 उच्च रक्तचाप वाले मरीज जिनमें से 85% को कोरोनरी हृदय रोग और 15% को वाल्व रोग था, के ऊपर 3 साल तक किए गए शोध में यह जानकारी सामने आई है।
इन मरीजों को धीमी ( 2.6 किलोमीटर प्रति घंटा ) मध्यम ( 3.9 किलोमीटर प्रति घंटा ) और तेज ( 5.1 किलोमीटर प्रति घंटा ) की गति से चलने वाले के रूप में वर्गीकृत किया गया था। इसमें 359 मरीज धीमी गति, 362 मध्यम गति और 357 तेज गति से चलने वाले थे। शोधकर्ताओं ने इन 3 वर्षों में सभी मरीजों के अस्पताल जाने और वहां भर्ती रहने की अवधि दर्ज की।
इस दौरान धीमी गति से चलने वाले 182 ( 51% ) मरीज मध्यम गति से चलने वाले 107 ( 44% ) और तेज गति से चलने वाले 110 ( 61% ) मरीजों को कम से कम एक बार अस्पताल में भर्ती होने से मरीजों के अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इनमे मरीजों के अस्पताल में भर्ती रहने की औसत अवधि धीमी , मध्यम, और तेज चलने वालों के लिए 23, 14 और 9 दिन थी। चलने की गति में 1 किलोमीटर प्रति घंटा की वृद्धि के परिणाम स्वरुप 3 साल की अवधि के दौरान मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की आशंका में 19 फ़ीसदी की कटौती हुई, वहां धीमी गति से चलने वाले मरीजों की तुलना में तेजी से चलने वाले मरीजों में इन 3 सालों में अस्पताल में भर्ती होने की आशंका से 37 फ़ीसदी कम थी। उन्होंने कहा कि चहल कदमी करनावयस्कों में व्यायाम का सबसे लोकप्रिय प्रकार है। यह निशुल्क और बिना किसी विशेष प्रशिक्षण के कहीं भी किया जा सकता है। नियमित चहल कदमी के काफी लाभ है हमारे अध्ययन से पता चलता है कि चलने की गति में तेजी आने पर यह लाभ अधिक हो जाता है।
गर्मी दे गुस्सा फिर राहत गर्मी के मौसम में तनाव के लिए जिम्मेदार कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है जिससे व्यक्ति आक्रामक यहां तक कि हम सही हो जाता है कहीं आप गर्म मौसम में जल्दी गुस्सा तो नहीं हो जाते हैं एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि ऐसा क्यों होता है पोलैंड में शोधकर्ताओं की एक टीम ने बढ़ते तापमान और तनाव के स्तर के बीच संबंध खोजने के लिए एक अध्ययन किया शोधकर्ताओं ने पाया कि तनाव के लिए जिम्मेदार कोर्टिसोल नामक हार्मोन का निर्माण सर्दियों में कम होता है जबकि गर्मी में इससे काफी वृद्धि होती है यह सामान स्वास्थ्य को प्रभावित करता है क्योंकि शरीर में नमक चीनी और तरल पदार्थ को नियंत्रित करने के लिए एक फूल काफी महत्वपूर्ण है पोलैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस के जियोलॉजिस्ट डोमिनिका अपने शोध के दौरान गर्म मौसम के दौरान शरीर में पहले अधिक कोर्टिसोल को देखकर आश्चर्य की इस शोध में डेटा का पहला नमूना विभिन्न मौसम में हुए अपराध के आंखों से लिया गया था इस में दिखाया गया कि अपराधियों ने गर्मी के मौसम में हिंसा में वृद्धि की
नींद पूरी न होना शरीर में पानी की कमी और ज्यादातर घर के अंदर रहने से भी आप तनावग्रस्त हो जाते हैं अपराध के आंकड़े बताते हैं गर्मी के मौसम में अपराधियों ने हिंसा की घटनाओं को ज्यादा अंजाम दिया हाइड्रेट रहे सुबह शाम में व्यायाम करें वही नार्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी फिल्म पर स्कूल आप मेडिसन ने मनोचिकित्सक और व्यवहार विज्ञान के सहायक प्रोफेसर नैंसी में लिटर के अनुसार गर्मी में थोड़ा उदास से अगर बड़ी महसूस करना आम बात है लेकिन जब यह स्थिति सीट पर पहुंच जाए तो आम आत्मघाती भी हो सकता है इससे बचने के लिए हाइड्रेटेड दिन के मध्य की बाजार बाजार सुबह शाम को व्यायाम करें इसके अलावा अपने जीवन के उन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करें जिसे आप नियंत्रित कर सकते हैं
अच्छे होते हैं सपने बच्चों के सपने देखने की प्रवृति से उनका मानसिक विकास सही तरीके से होता है मनोवैज्ञानिक और बाल चिकित्सा के जानकार डेबिट पोल के के अनुसार लोग अक्सर अपने बच्चों की क्षमता जानने के लिए लेकर गलतियां कर देते हैं वह समझ नहीं पाते कि उनके बच्चे किस प्रकार के सपने देख रहे हैं वह कहते हैं कि बच्चों का सपने देखना उनकी चेतना के विकास में सहायक होता है जो बच्चे कम सपने देखते हैं उनके मस्तिष्क का विकास कम हो पाता है सोते हुए बच्चे की मूवमेंट में प्रवेश करते हैं जो कि नींद का एक प्रकार होता है इसी अवस्था में वैक्स भी नींद लेते हैं यह टैक्स वसूलना भाग में बिताते हैं और अवस्था में विश्राम करते हैं जब बच्चे सपने देखते हैं तो उसमें दिन भर के बेडरूम खिलौने की यादें रहते हैं उन्हें पहली नजर आते हैं जब बच्चे बड़े हो जाते हैं उन्हें यह सब याद नहीं रहता
किस किसको छोड़ेंगी आप रिश्ते बरकरार रखने के लिए समझौते तो करने ही पड़ते हैं लेकिन ऐसा कोई समझौता ना करें जिससे आपके सपने बिखर जाए हर किसी को रिश्ते में समझौते करने पड़ते हैं किसी को कोई समझौता करना होता है तो किसी को कुछ और प्यार में समझौते करना अच्छी बात है लेकिन खत तक बहुत बार ऐसा होता है कि लड़कियां उस समय प्यार को पाने के लिए इमोशनल होकर कुछ ऐसे फैसले ले लेती हैं जिन पर उन्हें बाद में अफसोस होता है इसके लिए आपको खुद एक लाइन ड्रा करनी होगी इस हद से बाहर जाकर आप कभी भी समझौता ना करें अपने सपनों के साथ कभी समझौता ना करें यदि अपने भविष्य को लेकर कुछ सपने देखे हैं और आपका साथ देश से समझौता करने की बात कहे तो कभी भी अपने सपनों की कुर्बानी ना दे जरूरी नहीं कि सपना सच ही होगा लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप उसके लिए कोशिश कर नाभि छोड़ दे
चंद्रभेदी प्राणायाम और पद्दासन करने के सही तरीके
क्या आप भी सुबह देर से उठते है तो ये आपके सेहत के लिए बहुत ज्यादा ही नुकसान देह है अगर आप अपने सेहत पर ध्यान नहीं देते है तो आपको आगे चल कर बहुत से तकलीफो का सामना करना पड़ सकता है। मैं आपको इस पोस्ट में 2 आसान ( चंद्रभेदी प्राणायाम और पद्दासन ) बताया है जिसकी मदद से आप अपने दिन में सुबह कुछ मिनटों को निकाल कर यह आसन कर लेते है तो आपको इससे बहुत लाभ मिलेगा। आपकी दिन अच्छा होगा आप पुरे दिन भर खुश रहेंगे और आपके मन में कभी भी नकारात्मक विचार नहीं आएगा।
अच्छे विचारों के लिए
पद्दासन से हमारे दोनों नासिकाएं चलने लगती हैं और शरीर की सभी नस नाड़ियों की शुद्धि होती है। बुरे विचार विदा होने लगते हैं। उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख कर बैठे। रीढ़ सीधी करते हुए बाएं पैर के पंजों को दाहिनी जगह पर और दाहिने पैर के पंजे को बाएं पैर के जगह पर रखें। घुटने जमीन से लगे रहे। अब बाए हाथ कि दोनों पैरों के तलवे से थोड़ा ऊपर इस प्रकार रखें कि दाहिनी हथेली बाई हथेली के ऊपर रहे और दोनों हथेलियां नाभि को स्पर्श करती हुई हो। इस स्थिति में धीमी लंबी गहरी श्वास के साथ भाव करें कि आपके सभी चक्र जागृत हो। शुरुआत में इन हाथों को नाभि के पास रखने में असुविधा महसूस हो तो हथेलियों की दिशा ऊपर करते हुए उन्हें घुटनों पर भी रख सकते हैं।
महसूस होती है शीतलता
चंद्रभेदी प्राणायाम से इड़ा नाड़ी सक्रिय होने के कारण शरीर में शीतलता महसूस होती है। तनाव और अनिद्रा की समस्या कम होती है। आंखें बंद कर रखते हुए अंगूठे से दाएं नसका बंद कर ले। रीढ़ सीधी हो। अब बायीं नासिका से पहले सांस निकालें और फिर दायी नासिका से ही धीमी लंबी गहरी सांस लें फिर दायी नासिका से सांस छोड़े। 10 से 20 राउंड तक करें। हर राउंड में केवल बायीं नासिका से ही सांस लेनी है और दाएं से ही सांस छोड़नी है। सांस छोड़ते समय नासिका से आवाज ना निकले। खाली पेट ही करें। इसका अभ्यास शीतकाल में वर्जित है। जिस दिन चंद्रभेदी प्राणायाम का अभ्यास कर रहे हो उस दिन सूर्यभेदी प्राणायाम का अभ्यास ना करें।
क्या आप भी दिल ( Heart ) के रोगी है या आपको ज्यादा काम करने पर स्वास फूलने लगता है.
कहता है दिल, कुछ तेज चलो
अगर आप दिल के मरीज हैं, तो तेज कदमों से टहलें। शोध से पता चलता है कि ह्रदय रोगी अगर तेज कदमों से टहलते हैं कि उनके अस्पताल में भर्ती होने की आशंका कम हो जाती है।
दिल के मरीजों के लिए यह एक अच्छी खबर है। यह अध्धयन में यह बात सामने आई है कि दिल के मरीज अगर नियमित रूप से तेज कदमों से चलते हैं टहलते हैं तो यह उनके लिए काफी फायदेमंद होता है। यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस यूरोपेटेंट 2018 में पेश की गई एक शोध पत्र के मुताबिक तेज कदमों से चलने वाले दिल के मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की आशंका कम हो जाती है। इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ़ फरेरा की शोधार्थी व अध्ययन की लेखिका कार्लोटा मेरलो के अनुसार, दिल के मरीजों के तेज चलने या टहलने से उनके अस्पताल में भर्ती होने और वहां लंबे समय तक रहने की स्थिति का जोखिम कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि 1078 उच्च रक्तचाप वाले मरीज जिनमें से 85% को कोरोनरी हृदय रोग और 15% को वाल्व रोग था, के ऊपर 3 साल तक किए गए शोध में यह जानकारी सामने आई है।
इन मरीजों को धीमी ( 2.6 किलोमीटर प्रति घंटा ) मध्यम ( 3.9 किलोमीटर प्रति घंटा ) और तेज ( 5.1 किलोमीटर प्रति घंटा ) की गति से चलने वाले के रूप में वर्गीकृत किया गया था। इसमें 359 मरीज धीमी गति, 362 मध्यम गति और 357 तेज गति से चलने वाले थे। शोधकर्ताओं ने इन 3 वर्षों में सभी मरीजों के अस्पताल जाने और वहां भर्ती रहने की अवधि दर्ज की।
इस दौरान धीमी गति से चलने वाले 182 ( 51% ) मरीज मध्यम गति से चलने वाले 107 ( 44% ) और तेज गति से चलने वाले 110 ( 61% ) मरीजों को कम से कम एक बार अस्पताल में भर्ती होने से मरीजों के अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इनमे मरीजों के अस्पताल में भर्ती रहने की औसत अवधि धीमी , मध्यम, और तेज चलने वालों के लिए 23, 14 और 9 दिन थी। चलने की गति में 1 किलोमीटर प्रति घंटा की वृद्धि के परिणाम स्वरुप 3 साल की अवधि के दौरान मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की आशंका में 19 फ़ीसदी की कटौती हुई, वहां धीमी गति से चलने वाले मरीजों की तुलना में तेजी से चलने वाले मरीजों में इन 3 सालों में अस्पताल में भर्ती होने की आशंका से 37 फ़ीसदी कम थी। उन्होंने कहा कि चहल कदमी करनावयस्कों में व्यायाम का सबसे लोकप्रिय प्रकार है। यह निशुल्क और बिना किसी विशेष प्रशिक्षण के कहीं भी किया जा सकता है। नियमित चहल कदमी के काफी लाभ है हमारे अध्ययन से पता चलता है कि चलने की गति में तेजी आने पर यह लाभ अधिक हो जाता है।
गर्मी दे गुस्सा फिर राहत गर्मी के मौसम में तनाव के लिए जिम्मेदार कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है जिससे व्यक्ति आक्रामक यहां तक कि हम सही हो जाता है कहीं आप गर्म मौसम में जल्दी गुस्सा तो नहीं हो जाते हैं एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि ऐसा क्यों होता है पोलैंड में शोधकर्ताओं की एक टीम ने बढ़ते तापमान और तनाव के स्तर के बीच संबंध खोजने के लिए एक अध्ययन किया शोधकर्ताओं ने पाया कि तनाव के लिए जिम्मेदार कोर्टिसोल नामक हार्मोन का निर्माण सर्दियों में कम होता है जबकि गर्मी में इससे काफी वृद्धि होती है यह सामान स्वास्थ्य को प्रभावित करता है क्योंकि शरीर में नमक चीनी और तरल पदार्थ को नियंत्रित करने के लिए एक फूल काफी महत्वपूर्ण है पोलैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस के जियोलॉजिस्ट डोमिनिका अपने शोध के दौरान गर्म मौसम के दौरान शरीर में पहले अधिक कोर्टिसोल को देखकर आश्चर्य की इस शोध में डेटा का पहला नमूना विभिन्न मौसम में हुए अपराध के आंखों से लिया गया था इस में दिखाया गया कि अपराधियों ने गर्मी के मौसम में हिंसा में वृद्धि की
नींद पूरी न होना शरीर में पानी की कमी और ज्यादातर घर के अंदर रहने से भी आप तनावग्रस्त हो जाते हैं अपराध के आंकड़े बताते हैं गर्मी के मौसम में अपराधियों ने हिंसा की घटनाओं को ज्यादा अंजाम दिया हाइड्रेट रहे सुबह शाम में व्यायाम करें वही नार्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी फिल्म पर स्कूल आप मेडिसन ने मनोचिकित्सक और व्यवहार विज्ञान के सहायक प्रोफेसर नैंसी में लिटर के अनुसार गर्मी में थोड़ा उदास से अगर बड़ी महसूस करना आम बात है लेकिन जब यह स्थिति सीट पर पहुंच जाए तो आम आत्मघाती भी हो सकता है इससे बचने के लिए हाइड्रेटेड दिन के मध्य की बाजार बाजार सुबह शाम को व्यायाम करें इसके अलावा अपने जीवन के उन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करें जिसे आप नियंत्रित कर सकते हैं
अच्छे होते हैं सपने बच्चों के सपने देखने की प्रवृति से उनका मानसिक विकास सही तरीके से होता है मनोवैज्ञानिक और बाल चिकित्सा के जानकार डेबिट पोल के के अनुसार लोग अक्सर अपने बच्चों की क्षमता जानने के लिए लेकर गलतियां कर देते हैं वह समझ नहीं पाते कि उनके बच्चे किस प्रकार के सपने देख रहे हैं वह कहते हैं कि बच्चों का सपने देखना उनकी चेतना के विकास में सहायक होता है जो बच्चे कम सपने देखते हैं उनके मस्तिष्क का विकास कम हो पाता है सोते हुए बच्चे की मूवमेंट में प्रवेश करते हैं जो कि नींद का एक प्रकार होता है इसी अवस्था में वैक्स भी नींद लेते हैं यह टैक्स वसूलना भाग में बिताते हैं और अवस्था में विश्राम करते हैं जब बच्चे सपने देखते हैं तो उसमें दिन भर के बेडरूम खिलौने की यादें रहते हैं उन्हें पहली नजर आते हैं जब बच्चे बड़े हो जाते हैं उन्हें यह सब याद नहीं रहता
किस किसको छोड़ेंगी आप रिश्ते बरकरार रखने के लिए समझौते तो करने ही पड़ते हैं लेकिन ऐसा कोई समझौता ना करें जिससे आपके सपने बिखर जाए हर किसी को रिश्ते में समझौते करने पड़ते हैं किसी को कोई समझौता करना होता है तो किसी को कुछ और प्यार में समझौते करना अच्छी बात है लेकिन खत तक बहुत बार ऐसा होता है कि लड़कियां उस समय प्यार को पाने के लिए इमोशनल होकर कुछ ऐसे फैसले ले लेती हैं जिन पर उन्हें बाद में अफसोस होता है इसके लिए आपको खुद एक लाइन ड्रा करनी होगी इस हद से बाहर जाकर आप कभी भी समझौता ना करें अपने सपनों के साथ कभी समझौता ना करें यदि अपने भविष्य को लेकर कुछ सपने देखे हैं और आपका साथ देश से समझौता करने की बात कहे तो कभी भी अपने सपनों की कुर्बानी ना दे जरूरी नहीं कि सपना सच ही होगा लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप उसके लिए कोशिश कर नाभि छोड़ दे
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